चारणकविश्रीकानदासमहेडुका1857केस्वातंत्र्यसंग्राममेंयोगदान-
कानदास महेडु ने 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य में गुजरात के राजवीओं को ब्रितानियों के विरूद्ध आंदोलन छेड़ने के लिए प्रेरित किया हो और इसके कारण उनको फाँसी की सजा फरमाई गई हों ऐसी संभावनाएँ हैं। इसके अतिरिक्त ब्रितानियों के विरूद्ध शस्त्र उठाने वाले सूरजमल्ल को उन्होंने आश्रय दिया था। इसके कारण उनका पाल गाँव छीन लिया गया था। इस संदर्भ में कुछेक...
Thursday, 27 October 2016
कविस्वर वृजमालजी महेडु रचित विभा विलास
कविस्वर वृजमालजी महेडु रचित विभा विलास
करनि करुना करनजे। वरनि वेद विसेश ।।
मोकुं सोवर दीजिये । वरनो जाम विभेश ।।
शिवा सुलखमी सारदा । सरजण धरन संसार ।।
त्रसकत हरणी ताप त्रे । त्रगुणातम जगतार ।।
त्रगुण सरूपी ते रमे । व्यापक घटघट वेश ।।
जल थल इंड आकाशमें । अकल रूप आदेश ।।
ब्रह्मा विसन महेश वे । पार न कोइ पाय ।।
तोरी गत जांणे तुंही । महासकत महामाय ।।
आसापुरा उमया क्षिृया । करिये मुज कृपाह ।।
जदु वंसी...
Tuesday, 25 October 2016
महादान जी मैहडु
महादान जी मैहडु सरस्या
महादान जी एक समय सरस्या सै जोधपुर गयै थै आमकाश लगा हूआ था दरबार मै महादानजी नै एक दोहा कहा था जिससै दरबार बहूत खूश हूए व महादान जी का खूब आदर सत्कार हूआ व दरबार नै महादानजी को जोधपूर ही रहनै कै लिए अपना पक्ष रखकर गाव लैणै को कहा। जब महादान जी नै यै दोहा कहा व गाव मागै
पाच कोस पाचैटियो
आठ कोस आलास
इण बिच ननाणो मारो
सम्पो सोडावास
और फिर दरबार नै यह गाव दियै व महादानजी को हाथी...
महेडु जाती में प्रसिद्ध कवी
. महेडु जाती में प्रसिद्ध कवि
जय माताजी महेडु साखा में १.'व्रजमालजी महेडु वजापर, २.मूळराजजी महेडु वजापर, ३. जब्बरदानजी महेडु वजापर, ४.'गोदडजी महेडु वालोवङ, ५.'कानदासजी महेडु सामरखा,
६. मोतीसिंहजी महेडु सामरखा, ७. रूपाळीबा महेडु सामरखा, ८.'लागीदासजी महेडु गोलासन, ...
Monday, 24 October 2016
MAHEDUKUL PEDHINAMA
MAHEDUKUL PEDHINAMA
📝📝📝📝📝📝📖🌙🌞⭐
Shankar - Parvati
Vijaypal( vijmal )
Mahedu
Keshoji
Khushalji
Girvardanji
10>10
Thakursi
11
Harraj ( chotebhai)
11
Gangadharji
Sankarji
Melang ( Kanjeli gav)
6
Lunpalji (12birud temurlang)
Sangramsinh
Khengarsinh
Samdasji ( sarngdharji )
Mehkarn ( jadoji ) sarsiya 84 village jahajpur - mevad
Kalyandasji
Surajmal
Bhimji
Pratapji
Anjoji( ajaaypal )
Sayaldan
Fatesinhji
Mahadan...
चाल़कनेची का प्रहास शाणोर गीत – मीठा मीर डभाल
सरव परथम समरण मात तो शारदा,
रदे बीच भरोसो अडग राखूं !!
जीभ पर बिराजो आप मां जोगणी,
भवां चाळराय रा गुण भाखूं !!1!!
आप अम्ह बुद्धि बगसावजो आवड़ा,
करनल्ला मात तो महर कीजो !!
आपरो नाम लिय कर रहयो आपदा,
दयाळी उकत सध आप दीजो !!2!!
अधक महिमा इण ईळा म्ह आपरी,
सगती सरव जगत में आप साजो !!
तनां कहूं चाळका बाळको तिहारो,
थान सूं आय मां सहाय थाजो !!3!!
वखत पहलां तणी वात आ विदंगां,
ईळा पर आवियो समय ऐहड़ो !!
भाट...
नमो चंडिका रुप चाळक्कनेची-वजमाल महेडू
चाळकनेची स्तुति
रचियता: वजमाल महेडू।
(प्रेषक: नरहरदानजी बाटी)
दोहा
सेवग काज सुधारणी, समयां देणी साद।
चाळकनेची चंडिका, देवी आदू अनाद॥1
छंद भुजंगी
तुही आदि अन्नादि वाणी विधाता।
तुंही रिध्धि सिद्धि नवेनिध्धि दाता।
वदे क्रोड तैतीस सुरं वरेची।
नमो चंडिका रुप चाळक्कनेची॥1
कळा चंद्र ज्योति झळेळे कपाळं।
वळे कुंडळं कान शोभंत माळं।
धरे शूल पाणं कृपाणं धरेची।
नमो चंडिका रुप चाळक्कनेची।2
प्रथी देश पारां करं प्रत्तपाळी।
वसे...
चाळकनेची चामुंडा – कवि श्री हमीर जी रतनू गाँव धडोई
कवि श्री हमीर जी रतनू गाँव धडोई कच्छ रा राजकवि री कहियोडी चाळकनेची री त्रिभंगी छंद रे मांय स्तुति ।
॥दोहा॥
गंग गया काशी गया, पावन किया निपाइ।
जग अभया विजया जया, उमिया खमिया आइ॥1
विमळा कमळा वीजळा, चख भुंभळा सुचंग।
महिला अकळा मंगळासकळ कळा शिव संग॥2
अवरी अमरी अपछरीशिकोतरी शकत्त।
आशापुरा अगोचरीमाहेशरी महत्त॥3
जग हरणी करणी जगत, सुर सामण सुभेद।
अशरण शरणी अपरणीवां वरणी चत्रवेद॥4
॥छंद त्रिभंगी॥
वेदां वंचाणी,...