Tuesday 25 October 2016

महादान जी मैहडु

महादान जी मैहडु सरस्या
महादान जी एक समय सरस्या सै जोधपुर गयै थै आमकाश लगा हूआ था दरबार मै महादानजी नै एक दोहा कहा था जिससै दरबार बहूत खूश हूए व महादान जी का खूब आदर सत्कार हूआ व दरबार नै महादानजी को जोधपूर ही रहनै कै लिए अपना पक्ष रखकर गाव लैणै को कहा। जब महादान जी नै यै दोहा कहा व गाव मागै
पाच कोस पाचैटियो
आठ कोस आलास
इण बिच ननाणो मारो
सम्पो सोडावास

और फिर दरबार नै यह गाव दियै व महादानजी को हाथी पर बैठा कर खूद दरबार आगै चलकरकै सोढावास लायै व सोढावास सोपा
सोढावास महादान जी रहनै लगै चारणो कै गावो मै गढ नही होतै पर सोढावास मै है
उसका प्रमाण इस स्तूती मै है

गढ गाव दिराय चढाय गजां पर
आद भवानीय सहाय अयो

गढ वाला गाव गज कै ऊपर चढा कर दिया

ऐसा सम्मान चारण समाज मै दो चार चारण कवीयो को ही मिला है
एक सूर्यमल मिश्रण हरणा
करणीदान जी सूलवाडा
और महादान जी सरसीया

प्राप्त जानकारी-   सूर्य प्रकाश चारण
ठी मेहरू खुर्द (महीयारिया)
जिला अजमेर
हाल काकरोली"
+91 81072 88302

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