Sunday 8 January 2017

नव दिन नमो नोरतन

नव दिन नमो नोरतन, चाळराय मेहड़ू कुळ महमाया।।टेर।।
मंढ मनरंग थल सूं आई ऐ सगती *मेहड़वा* गांव रे माय।
आगे सरणे आपरे हेते *बाड़ी* सुभस बसाई।
*सरस्यो* *सोडावास* *देवरी* *खेड़ी* *खेडला* माई।
धिन कर धुर *जेथल्या* दरसो, *संचई* सुरराय।
*लिलेडे*लाल ध्वजा फरके, मोद *मंडावरा* मायं।
हरदम *मऊ* हरष कर विराजे, राज *ठीकरीये* गढ़ ठाई।
झाँझा सासण जहाँ तव भासण,शुभष बसों सुरराय।
*मेहड़ू* *खिड़िया* चाकर थारा, राखो चण्डी छतर छाया।
*मेहड़ू मदन* हरष कर अम्बे, चिरजा भेंट चढ़ाई।।
मेहड़ू कुळ महमाय......

रचित
ठा. सा. मदन सिंह जाड़ावत
ठिकरिया कविराय
जिला बूंदी (राज.)

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