Saturday 28 January 2017

आई श्री सुहागी आई नो इतिहास

.       आई श्री सुहागी आई नो इतिहास

   गाम- सुहागी, जीलो- बाड़मेर, राजस्थान.

विक्रम सवंत १५८० मां सोहागी गांम गंगाजी सोढा द्वारा महेडु शाखाना चारण भादाजी मेहडु ने बक्षीस करेल हतु, सुहागीनु अगाउनु असली नाम मेहडुवास हतु, भादाजी महेडु ना सुपत्री सुहागीबाईनु लग्न मैइया शाखाना चारण साथै थयेल हतु, सुहागीबाई ना पुत्र माडणजी मैइया हता, माडणजी नी पासे सोढा राजपूते घोडा नी मागणी करी हती, माडणजीये आ मागणी स्वीकारी न हती, माडणजीये हठपूर्वक घोड़ो आपवा नो इनकार करता सोढा राजपुते कावत्रु करी घोड़ाने चोरी लई गयेल हता। आ बनाव समय माडणजी सामाजीक कामें बहार गाम गयेल हता। पाछल थी माणस मोकली बनावनी जाण तेमने करवामा आवेल हती। समाचार मळता माडणजी घरे आव्या पछी अने घोड़ो राजपूतो लई गया नी खात्री करता घोड़ा पाछल बाखासर गामे वसेल सोढा राजपूत नो घोड़ो लई गयाना निसान तपासता ते गामे पादरमां जताज चारण खून नी तस्वीरे गले कटार परोवी दीधेल हती आवी हालत मा तयो सोढा राजपुतोनी कोटड़ीये जई पहोच्या अने सोढा राजपूताने श्राप आपेल के जोगमाया तमने आवा कृत्योंनो बदलो आपी देसे। माडणजी काम आवी गया तेनाथी सोढा राजपूतो भयभीत थई गया अने ऐ जाण माडणजी ना मोसाल पक्ष महेडु चारणों ने करी हती। महेडु शाखाना चारणों अने माडणजीना वंशजो भेगा मली तेमना पार्थीव शरीर ने लई आव्या। आ दुखद समाचार पियर मा पधारेल सुहागीबाई ने आपवा मा आव्या, सुहागीबाई ना कीधा मुजब पुत्र ना मृत देहने  हाल वसेल सुहागी गाम नी पश्चिम दिशाये जया बाखासर नजरे देखाये तेम धोरा ऊपर चिता खड़कावी पोताना दिकरा मांडणनु मस्तक खोळामा लई सुहागीबाई संवत   १५८५ मा आसो मास सूद ७ ना रोज सती थया। आईये सोढाओ ने श्राप आपेल के जाओ तमारा राजनु पतन थसे। माताजी ना शब्दो साचा थता सोढाओ ना भाणेज चौहाण राजपूतोऐ आक्रमण करी सोढाओ पासे थी जागीरी पड़ावी लीधेल हती। विशेषमें माताजीये पियर पक्षना चारणोंने आज्ञा करी हती के आ गाम मारा नामे थी वशावसो अने तेम करशो तो सर्व चारणों सुखी थासो। माताजीनी कृपा थी आजे पण सुहागी  गाम ना चारणों साधन संपन छे। आई जे जग्याऐ सती थयेल छे ते जग्याऐ तेमनो थड़ो हयात छे।

.                      प्राचीन दोहा

सोंढे भादाने समर्पीओ, जश कारण धण जाण,
दत्त सोहागी शासण दीयों, रीजे गांगे राण...१

संवत १५८० भगु, सातमने पक्ष सार
सोढे भादाने समर्पीओ, दत्त गांगे दातार..२

आई श्री सुहागीआई झमर बळी सती थयानी ऐतिहासिक माहिती आ गाम ना प्रतिष्ठ चारण कवि श्री शंकरदानजी महेडु तथा तेमना पुत्र कवि श्री सामलदानजी महेडु के जे पण सारा विद्धवान कवि छे तेमणे गामना अन्य वडील महेडु शाखाना चारणोंनी हाजरीमा आपेल छे।

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उपरोक्त माहिती- श्री सामालदानजी कविराज मेहड़ू  सोहागी
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