Monday, 15 January 2018

श्री कृष्णपाल सिंह जी चहुंआण “राखी” का कविवर ठाकुर नाथूसिंहजी महियारिया(चारण) पर आलेख*

*श्री कृष्णपाल सिंह जी चहुंआण “राखी” का कविवर ठाकुर नाथूसिंहजी महियारिया(चारण) पर आलेख* वीरत्व रै औजस्वी  कविवर ठाकुर साहब नाथूसिंह महियारिया रो नांव सुमरण करतां ई पारम्परिक वेशभूषा री ठठक में सजियोड़ी हेक ऐहडी भव्य अर विराट सख्सियत आंख्यां रै सामै उजागर हुय जावै है जिकै जीवण पर्यन्त मेवाड़ री अणमोल क्षात्र-संस्कृति नै आस्था अर गरब सूं जीवी है। वास्तव में वै क्षात्र -संस्कृति रा उद्घोषक, संवाहक...
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