Tuesday, 28 March 2017

ओखा - हरण लाँगीदास महेडु कृुत दोहे

                          ओखा - हरण                     लाँगीदास महेडु कृुत दोहे करि समरणां धांनकरि । करणा करणज कोअे। हेकणवार मरण होअे । फरि अवतरणा नोअे ।। कोई तो ए दया करवाळा नु...
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Saturday, 18 March 2017

कानदासजी मेहडु कृत हनुमान वंदना

*कानदासजी मेहडु कृत हनुमान वंदना* सुरस्वती उजळ अती, वळि उजळी वाण। करु प्रणाम जुगति कर, बाळाजती बखाण॥1॥ अंश रुद्र अगियारमो, समरथ पुत्र समीर। नीर निधि पर तीर नट,कुदि गयो क्षण वीर॥ 2 ॥ खावण द्रोणाचळ खमै, समै न धारण शंक। वाळण सुध सीता वळै, लिवि प्रजाळै लंक॥ 3 ॥ पंचवटी वन पालटी, सीत हरण शोधंत। अपरम शंके धाहियो, हेत करै हडमंत॥ 4॥                   ...
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Friday, 10 March 2017

चारण समाज ही नहीं सभी शक्ति उपासकों के लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय

चारण समाज ही नहीं सभी शक्ति उपासकों के लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय चारण समाज ही नहीं सभी शक्ति उपासकों के लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषयरण समाज ही नहीं सभी शक्ति उपासकों के लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि राजस्थान सरकार द्वारा हाल ही में वित्तीय वर्ष 2017-18 के  लिए घोषित बजट में चालकना...
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