*लालजी महेडु खारी विसे जानकारी*
खारी चारणान व लूंबासर दोनो गांव बीकानेर रियासत के प्राचीन जागीरी गांव है।मेहड़ू शाखा के जितने भी बीकानेर रियासत के गांव है।
वे सभी खारी चारणान व लूंबासर से बाद मे जागीरी
मिलने पर उठकर गए है।
खारी से खासोली ,धांह ,नाऊ,
सिधमख तथा देशनोक गए है।लूंबासर से सियाणा जागीर मिलने लगभग 150 साल पहले गए है।
राव बीका के साथ 500 सामंत जोधपुर से जांगलप्रदेश आए थे । इनमे सताजी मेहड़ु व लालजी मेहड़ु भी सामिल थे।जब राव बीकाजी ने मां राज राजैशवरी श्रीकरणी माता की कृपा से बीकानेर राज्य की स्थापना की थी।
पंद्रह सौ पेंतालवै शुद वैसाख सुमेर। थावर बीज थरपियो बीके बीकानेर ।
बीकेजी बीकानेर बसायो कोडमदेसर कौट ।
लाल कवि ने खारी लूंबासर बगसयौ ।
आगळ गढ री औट ।
वि: संमत 1553 में राव बीका ने लालजी सतावत मेहड़ु को
ढिकाणा खारी चारणान व लूंबासर की दोलड़ी जागीर दी
ओर क्रोड़ पसाव देकर अपने राज्य का कविराज नियुक्त किया। ढिः खारी लूंबासर बीकानेर राज्य के प्रथम जागीरी एंव बावनी गांव थे ।
*उपरोक्त माहिती- वासुदेवदानजी महेडु खारी के द्वारा*
*Mo. no. 95495 11311*
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जय माँ करणी
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