. ।। गरबो ।।
. आई श्री सोहागी आई
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आई तमे सतनी मुडी साथ,
आव्यां अवनीमां रे लोल...(१)
आव्यां अवनीमां रे लोल...(१)
माड़ी तमारो महेडु कुळमाँ अवतार,
सोहागी रुडु नाम धर्यु रे लोल...(२)
सोहागी रुडु नाम धर्यु रे लोल...(२)
आईनु सासरु मैईया कुळमांय,
मांडणजी हता दिकरा रे लोल...(३)
मांडणजी हता दिकरा रे लोल...(३)
मांडणजीनो घोड़ो तेजीलो तोखार,
सोढाने नजरे चढ्यो रे लोल...(४)
सोढाने नजरे चढ्यो रे लोल...(४)
सोढाये घोड़ा नी मागणी कीधी,
मांडणजीऐ मागणी मानी नही रे लोल...(५)
मांडणजीऐ मागणी मानी नही रे लोल...(५)
सोढाये कुडु कावत्रु किधुं,
अश्व रूड़ो चोरी गया रे लोल...(६)
अश्व रूड़ो चोरी गया रे लोल...(६)
मांडणजीनो गळे कटारी दीधी,
सोढा ने श्राप दीधो रे लोल...(७)
सोढा ने श्राप दीधो रे लोल...(७)
मांडणजीना मृत्युनी थई जाण
सोहागी आई ने सत चडयु रे लोल...(८)
सोहागी आई ने सत चडयु रे लोल...(८)
आई ऐ मस्तक खोळमां लीधुं
बाखासर टींम्बे झमर बल्यां रे लोल...(९)
बाखासर टींम्बे झमर बल्यां रे लोल...(९)
आईऐ सोढाने दीधो श्राप,
राजपाट पतन थाशे रे लोल...(१०)
राजपाट पतन थाशे रे लोल...(१०)
सोहागी नामे वसावो नवुं गाम,
चारण सो सुखी थसे रे लोल...(११)
चारण सो सुखी थसे रे लोल...(११)
आईना शब्दो साचा थया,
सोढानी जागीर ना रही रे लोल...(१२)
सोढानी जागीर ना रही रे लोल...(१२)
सोहागी गामे चारण सौ सुखरूप,
आईना आर्शीवाद फल्यो रे लोल...(१३)
आईना आर्शीवाद फल्यो रे लोल...(१३)
आईनी खांभी थड़े पुजाय,
बाधानी आवे मानता रे लोल...(१४)
बाधानी आवे मानता रे लोल...(१४)
आईना सतनुं समरण कराय,
'अमर' देवी दया करे रे लोल...(१५)
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उपरोक्त माहिती- श्री शंकरदानजी कविराज मेहड़ू सोहागी
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'अमर' देवी दया करे रे लोल...(१५)
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उपरोक्त माहिती- श्री शंकरदानजी कविराज मेहड़ू सोहागी
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