Tuesday, 8 August 2017

मन हेत धरंगी, हरस उमंगी, प्रेम तुरंगी, परसंगी।

मन हेत धरंगी, हरस उमंगी, प्रेम तुरंगी,
परसंगी।
सुग्रीव सथंगी, प्रेम पथंगी, शाम शोरंगी,
करसंगी।
दसकंध दुरंगी, झुंबै झंगी, भड राखस जड थड
भंगी।
रामं अनुरंगी, सीत सुधंगी, बिरद उमंगी,
बजरंगी॥1॥

अवधेश उदासी, सीत हरासी, शोक धरासी,
सन्यासी।
अणबखत अक्रासी, बोल बंधासी, लंक विळासी,
सवळासी।
अंजनी रुद्राशी, कमर कसंसी, साहर त्रासी,
तौरंगी।
रामं अनुरंगी, सीत सुधंगी, बिरद उमंगी,
बजरंगी॥2॥

करजोड कठाणं, पाव प्रमाणं, दधि प्रमाणं,
भरडाणं।
भचकै रथ भाणं, धरा ध्रुजाणं, शेष समाणं साताणं।
गढलंक ग्रहाणं, एक उडाणं, पोच जवाणं,
प्रेतंगी।
रामं अनुरंगी, सीत सुधंगी, बिरद उमंगी,
बजरंगी॥3॥

हलकार हतूरं, फौज फतूरं, सायर पूरं संपूरं।
कर रुप करुरं,वध वकरुरं, त्रहकै घोरं, रणतूरं।
जोधा सह जुरं, जुध्ध जलुरं, आगैवानं, ओपंगी।
रामं अनुरंगी, सीत सुधंगी, बिरद उमंगी,
बजरंगी॥4॥

आसो अलबेली, बाग बणेली, घटा घणेली, गहरेली।
चौकोर भरेली, फूल चमेली, लता सुगंधी,
लहरेली।
अंजनि कर एली, सबै सहेली, हेम हवेली,
होमंगी।
रामं अनुरंगी, सीत सुधंगी, बिरद उमंगी,
बजरंगी॥5॥

नल नील तेडाया, गरव न माया सबै बुलाया, सब
आया।
पाषाण मंगाया, पास पठाया, सब बंदर लारे लाया।
पर मारग पाया, राम रिझाया, हनुए धाया,
हेतंगी।
रामं अनुरंगी, सीत सुधंगी, बिरद उमंगी,
बजरंगी॥6॥

लखणेश लडातं, सैन धडातं, मुरछा घातं, मधरातं।
साजा घडी सातं, वैद वदातं, प्राण छंडातं,
परभातं।
जोधा सम जातं, जोर न मातं, ले हाथं बीडो लंगी।
रामं अनुरंगी, सीत सुधंगी, बिरद उमंगी,
बजरंगी॥7॥

हनुमंत हुंकारं, अनड अपारं, भुजबळ डारं,
भभकारं।
कर रुप कराळं, विध विकराळं, द्रोण उठारं,
निरधारं।
अमरं लीलारं, भार अढारं, लखण उगारं, दधि
लंघी।
रामं अनुरंगी, सीत सुधंगी, बिरद उमंगी,
बजरंगी॥8॥

सिंदूर सखंडं, भळळ भखंडं, तेल प्रचंडं, अतडंडं।
किय हार हसंडं, अनड अखंडं, भारथ डंडं, भुडंडं।
चारण कुळ चंडं, वैरि विहंडं , प्रणवै कानड
कवि पंगी।
रामं अनुरंगी, सीत सुधंगी, बिरद उमंगी,
बजरंगी॥9 ।।

*~~कानदासजी मेहडु~~*

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