माँ महामाया करणी जी महाराज की आरती श्री चरणों में
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*राग /तर्ज आरती कुन्ज बिहारी की* हरी ओम शरण album प्रेमांजली पुष्पांजलि
आरती मेह दुलारी की, जयति सज्जन भय हारी की।। टेर।।
जयति जय धन जंगल धरणी,
चरित किये अमिट जहाँ करणी।
तारणी ताप हारणी श्राप,
जयति जय जय अघ हरणी की।।१।।
आरती मेह दुलारी की.....
मात तुम ज्ञानवंत गीता,
निमिष में अखिल विश्व जीता।
क्रूर किये दूर भक्त भरपूर,
जयति जय जय श्रुति बरणी।।२।।
आरती मेह दुलारी की.......
मात तुम गोधन हितकारी,
अमिय जन लीला विस्तारी।
अधम खल मेट स्वजन हित हेत,
जयति जय लोवड वरणी की।।३।।
आरती मेह दुलारी की.....
मात तुम मलेच्छन कीने दूर,
राष्ट्रकुल थरपे धरणी पुर।
विमल जस जोर फिरी चहुं और,
जयति जय करुणा करणी की।।४।।
आरती मेह दुलारी की......
मात तुम सेवक हित धाईं,
पूर्ण की सबकी मन चाईं।
बणिक की बेर शेख की टेर,
जयति जय संभल वरणी की।।५।।
आरती मेह दुलारी की......
मात तुम चारण कुळ तरणी,
धरणी जन *देव* सदा बरणी।
दया की धाम माँ पूरण काम,
जयति हिय पावन करणी की।।६।।
आरती मेह दुलारी की.......
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रचित
ठा. सा. देवराज सिंह जाड़ावत
ठिकरिया कविराय
जिला बूंदी (राज.)
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