Thursday, 22 February 2018

घोडी ने श्रद्धांजली-कर्ता:- कवि आनंद महेडुं

।।रचना:- घोडी ने श्रद्धांजली।।
।।कर्ता:- कवि आनंद महेडुं।।
।।छंद:- दोहरो।।

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देवंगी देवतत्व वाऴी,
वेगवंती नखराऴी,
लांबी फाळवाळी,
जलदी जाड थनारी....
आफत माथे आड थनारी.....
थाकेला नी विहामो....
भांगतल नी भेरू...
अमारी व्हालसोयी
घोडी चांदली ए सूर्यलोक भणी
अनंत नी वाटडिये डाबा मांड्या छे......
तो दिवंगत ने काशपराउत सुरज डाडो एने साता आपे ए प्रार्थना

चाहक तारी चाल नो,
मोहक जेना रूप ।
उदयाचऴ नें मारगे,
चाली नीकऴी चांदली ।।१।।

धीडी कहु के बेनडी?
भेरू कहुं के मित्त?
चऴावी अमणुं चित्त,
चाली नीकळी चांदली ।।२।।

।।-कवि आनंद महेडुं कृत।।

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प्रस्तुती:- चारणी साहित्य युवा मोर्चा
सभ्य  :- कवि आनंद महेडुं
             मितेषदान सिंहढायच 'कवि मित्त'
             धार्मिक जासिल 'कवि मयूख'

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